एमसीबी जनकपुर/छत्तीसगढ़
भखार न्यूज नेटवर्क: मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के भखार न्यूज के रिपोर्टर युवा पत्रकार शिवम पयासी के द्वारा अवैध तरीके से खुलेआम हो रहे शासन प्रशासन के नाक के नीचे से बड़ी बड़ी मशीनों से मोनू पाठक नामक व्यक्ति के द्वारा अवैध मुरूम उत्खनन किया जा रहा था |
पत्रकार को जान से मारने की मिली धमकी : Video
और जब पत्रकार के द्वारा ground में खबर कवरेज करने के दौरान मोनू पाठक नामक व्यक्ति ने उन्हें खुले आम जान से मारने की धमकी दी| जिसका वीडियो स्वयं शिवम पयासी के द्वारा सोशल मीडिया में शेयर किया है , जो काफी तेजी से वायरल हो रहा है मतलब अब डबल इंजन की भाजपा की सरकार में पुलिस प्रशासन का कोई डर ही नहीं पहिले गोली बारी और अब पत्रकारों को जान से मारने की धमकी ये मतलब पूरा काला कानून…?
वही सद्भाव पत्रकार संघ छत्तीसगढ़ के संभागीय उपाध्यक्ष नत्थू पयासी ने कड़ी निंदा की एवं कड़ी से कड़ी जान से मारने की धमकी देने वाले माफिया को तत्काल गिरफ्तार और कार्यवाही की जाए, अन्यथा की स्थिति में कार्यवाही न होने पर पत्रकार संगठनों द्वारा बड़ा आंदोलन किया जाएगा
वही इस मामले में पूर्व विधायक गुलाब कमरों ने प्रतिक्रया देते हुए कहा कि जनकपुर में आए दिन अपराध की घटना बढ़ रही है पहले व्यापारियों पर गोलीकांड और अब पत्रकार को खोद कर गाड़ देने व जान से मारने की धमकी जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं| अब यह दर्शाता है कि अपराधी बेखौफ हो चुके हैं और प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा गई है
कांग्रेस प्रवक्ता सौरभ मिश्रा ने भी की निंदा
कहा भाजपा के इस सरकार में प्रदेश में कई जिलों में खनिज माफियाओं के द्वारा गोली से मारने की धमकी तो कहीं पत्रकारों को खोदकर गढ़ देने की धमकी और मारपीट हत्या जैसी घटना की है जिसमें माफियाओं के हौसले बुलंद है जिसमें माफिया के द्वारा आम जनों एवं पत्रकारों को डराने धमकाने और जान से मारना एक आम बात हो चुका है यदि इस मामले को गंभीरता से इस पर संज्ञान नहीं लिया गया तो कोई अप्रिय घटना घट सकती है |
पत्रकार संगठनों में आक्रोश:
पत्रकार शिवम पयासी के साथ हुई इस घटना की नेशनल जर्नलिस्ट संगठन पत्रकार संगठनों ने कड़ी निंदा की है और पत्रकार संगठन ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है जिसकी सुरक्षा की अनदेखी समाज और देश दोनों के लिए खतरनाक है और इस मामले में त्वरित और सख्त कार्रवाई की मांग की है |
अब सब की नजर प्रशासन पर है और यह सवाल उठ रहा है कि क्या प्रशासन पत्रकार को सुरक्षा देगी….?