मनेंद्रगढ़
भरतपुर-सोनहत विधानसभा के पूर्व विधायक गुलाब कमरों ने जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ), एमसीबी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि डीईओ लगातार नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, जिससे शिक्षक और विद्यार्थी दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
ताजा मामला शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला, नई लेदरी का है, जहां युक्तियुक्तकरण के नाम पर भारी गड़बड़ी की गई है। शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार, इस स्कूल में कुल 3 पद — 1 प्रधान पाठक और 2 शिक्षक स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में 6 शिक्षक पदस्थ हैं।
विद्यालय में वर्तमान में पदस्थ शिक्षक:
प्रधान पाठक: राकेश्वरी (विज्ञान)
शिक्षक:
अन्नपूर्णा जायसवाल (गणित)
गुंजन शर्मा (विज्ञान)
बेबी घृतलहरे (विज्ञान)
अमूल चंद्र झा (कला)
पार्वती मरकाम (हिंदी)
विवाद का मुख्य बिंदु:
शासन के युक्तियुक्तकरण निर्देशों के अनुसार विषयगत आवश्यकता के हिसाब से अतिशेष शिक्षक को हटाना होता है। लेकिन यहां हिंदी विषय की शिक्षिका श्रीमती पार्वती मरकाम, जो कि एक आदिवासी महिला हैं, को अतिशेष घोषित कर दिया गया।
जब उन्होंने इस फैसले के खिलाफ डीईओ को अभ्यावेदन दिया, तो युक्तियुक्तकरण समिति द्वारा पारित आदेश में गणित विषय की शिक्षिका अन्नपूर्णा जायसवाल का नाम ही हटा दिया गया। जबकि गणित विषय में भी संख्या अधिक है।
पूर्व विधायक गुलाब कमरों ने आरोप लगाया कि
> “डीईओ कार्यालय ने अपनी पुरानी गलती को छुपाने और किसी विशेष शिक्षक को बचाने के लिए गणित विषय को आदेश से गायब कर दिया है।”
पार्वती मरकाम ने इसे भेदभाव बताते हुए कहा कि डीईओ ना केवल उच्चाधिकारियों और कोर्ट के निर्देशों की अनदेखी कर रहे हैं, बल्कि आदिवासी महिला शिक्षक के साथ अन्याय कर रहे हैं।
अब वह अनुसूचित जनजाति आयोग में शिकायत की तैयारी कर रही हैं।
स्थानीय ग्रामीणों व स्कूल स्टाफ ने भी पार्वती मरकाम को न्याय दिलाने की मांग की है।
शिक्षा विभाग की इस मनमानी से शिक्षकों में असंतोष गहराता जा रहा है और शासन की पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं।