मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर
पूर्व विधायक गुलाब कमरों ने एक बार फिर जिले के शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) पर भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब जिले की शिक्षा व्यवस्था बदहाल हो चुकी है, तब ईमानदार माने जाने वाले कलेक्टर इस अधिकारी को क्यों संरक्षण दे रहे हैं?
पूर्व विधायक द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दे:
बोर्ड परीक्षा में शर्मनाक प्रदर्शन:
2024-25 की 12वीं बोर्ड परीक्षा में जिले का प्रदर्शन पूरे राज्य में 27वें स्थान पर रहा। यह शिक्षा विभाग की विफलता को दर्शाता है।
कोटाडोल स्कूल में बच्चों का भविष्य अधर में:
हायर सेकंडरी स्कूल, कोटाडोल में 36 छात्रों के परीक्षा परिणाम रोक दिए गए, जिससे उनका शैक्षणिक भविष्य खतरे में पड़ गया है।
युक्तियुक्तकरण में मनमानी:
शासन के नियमों की अनदेखी कर शिक्षकों की नियुक्ति मनमाने ढंग से की गई।
स्वामी आत्मानंद स्कूल भर्ती में पारदर्शिता की कमी:
भर्ती प्रक्रिया में भारी अनियमितता और चहेतों को लाभ देने के आरोप लगाए गए।
प्रशासनिक विफलता:
DEO कार्यालय में अधिकांश काम बाबुओं के भरोसे चल रहा है, अधिकारी की भूमिका नदारद है।
वित्तीय घोटाले:
2024-25 में विभागीय खरीद में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किए जाने के आरोप लगे हैं।
आदिवासी छात्रों के साथ भेदभाव:
डीएमएफ से स्वीकृत कोचिंग योजना को समय पर लागू नहीं किया गया, जिससे राशि वापस लौट गई और सैकड़ों आदिवासी छात्र इसका लाभ नहीं उठा सके।
पूर्व विधायक ने शासन और जिला प्रशासन से मांग की है कि ऐसे भ्रष्ट्र अधिकारी को तत्काल हटाया जाए और शिक्षा व्यवस्था में सुधार हेतु कड़े कदम उठाए जाएं। उनका कहना है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो जिले के बच्चों का भविष्य और अधिक अंधकारमय हो सकता है।
“शिक्षा व्यवस्था को बचाना है, तो भ्रष्टाचारियों को हटाना ही होगा,” — गुलाब कमरों
Report : भखार न्यूज | Bhakhar News CG