MCB/भरतपुर-सोनहत
भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक गुलाब कमरों ने जिला शिक्षा अधिकारी अजय मिश्रा पर गंभीर प्रशासनिक गड़बड़ी और पक्षपात का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के दौरान एक रिक्त पद को छिपाकर खास शिक्षक को फायदा पहुंचाया गया।
क्या है पूरा मामला?
पूर्व विधायक ने बताया कि मनेंद्रगढ़ विकासखंड की प्राथमिक शाला बौरीडांड में काउंसलिंग के समय कोई पद रिक्त नहीं दिखाया गया था। लेकिन बाद में उसी पद को “अचानक” रिक्त दर्शाकर शिक्षिका अर्णिमा जायसवाल की नियुक्ति कर दी गई। यह नियुक्ति युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत की गई थी।
जबकि उसी प्रक्रिया में शामिल अन्य महिला शिक्षकों को 100 से 150 किलोमीटर दूर स्थानों पर पदस्थ कर दिया गया, जिससे उनके साथ बड़ा अन्याय हुआ है। लेकिन अर्णिमा जायसवाल को स्थानीय स्कूल में ही पदस्थ कर दिया गया।
पूर्व विधायक के गंभीर आरोप:
“यह केवल प्रशासनिक चूक नहीं बल्कि एक सुनियोजित भ्रष्टाचार का हिस्सा प्रतीत होता है। यह शिक्षकों की भावनाओं और न्याय व्यवस्था के साथ खिलवाड़ है।”
— गुलाब कमरों, पूर्व विधायक
गुलाब कमरों ने कहा कि यह मामला शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। यदि ऐसे मामलों पर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई, तो अन्य शिक्षकों के साथ भविष्य में भी ऐसा ही अन्याय हो सकता है।
उच्च स्तरीय जांच और निलंबन की मांग
पूर्व विधायक ने पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है और साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी अजय मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की मांग रखी है।
यह मामला शिक्षक हित, पारदर्शिता और प्रशासनिक जवाबदेही से जुड़ा है। यदि जांच होती है, तो इससे कई और परतें खुल सकती हैं।
भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कठोर कार्रवाई जरूरी मानी जा रही है।