संपादक : नत्थू पयासी
रायपुर/रायगढ़/राजनांदगांव, 12 जून 2025:
छत्तीसगढ़ में रेत माफियाओं की दादागिरी एक बार फिर सुर्खियों में है। राजनांदगांव जिले में अवैध रेत खनन रोकने गए लोगों पर माफियाओं ने छह राउंड फायरिंग कर दी और जमकर मारपीट की, जिससे तीन युवक घायल हो गए। इस घटना के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए सवाल उठाया है — “जो नेता चुप बैठे हैं, उन्हें कितना कमीशन मिल रहा है?” बैज ने यह भी आरोप लगाया कि रेत माफियाओं को सरकार का खुला संरक्षण प्राप्त है और अवैध खनन में मंत्री और विधायकों की संलिप्तता है। उन्होंने कहा, “रेत घोटाला इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला साबित होगा।”
गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि राजनांदगांव की घटना को लेकर IG से बात हो चुकी है और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। शर्मा ने कहा, “कानून अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”
वहीं डिप्टी सीएम अरुण साव ने भी सख्त रुख अपनाते हुए कहा, “प्रदेश में माफियागिरी नहीं चलेगी। चाहे अपराधी कितना भी बड़ा क्यों न हो, सरकार ठोस कार्रवाई करेगी।”
क्या है पूरा मामला?
राजनांदगांव जिले के बसंतपुर थाना क्षेत्र के मोहड़ गांव में अवैध खनन की शिकायत मिलने पर कुछ युवक इसे रोकने पहुंचे थे। तभी रेत माफियाओं ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में रोशन मंडावी के सिर को छूती हुई गोली निकल गई, जबकि दो अन्य युवक भी घायल हो गए। तीनों का इलाज मेडिकल कॉलेज में चल रहा है और फिलहाल हालत सामान्य बताई जा रही है।
इसके पहले गरियाबंद जिले में भी रेत माफियाओं ने पत्रकारों पर हमला किया था, जो अवैध खनन की रिपोर्टिंग कर रहे थे। पत्रकारों के साथ मारपीट की गई और फायरिंग भी की गई थी।
अब आगे क्या?
पुलिस ने फिलहाल दो संदिग्धों को हिरासत में लिया है और पूछताछ जारी है। पूरे प्रदेश में अवैध रेत खनन को लेकर एक बार फिर प्रशासन और सरकार की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं। राजनीतिक गलियारों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।