🔴 ब्रेकिंग न्यूज़:
अवैध खनन की खबर कवरेज करने के दौरान पत्रकार को जान से मारने की मिली धमकी एमसीबी में दो गुटों में मार पीट एक महिला की हालत नाज़ुक 30 जून से सरगुजा, बस्तर, बिलासपुर, रायपुर समेत कई जिलों में भारी बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी जारी। रायपुर के बूढ़ा तालाब में मिली नवजात की शव, पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कर रही है जांच।

छत्तीसगढ़ पुलिस की भाषा होगी अब आमजन की भाषा — उर्दू-फारसी शब्दों की जगह अब सरल हिंदी का होगा उपयोग


एमसीबी/16 जून 2025

संपादक : नत्थू पयासी

छत्तीसगढ़ में अब पुलिस की भाषा और अधिक जनसुलभ और पारदर्शी बनने जा रही है। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि पुलिस की कार्यप्रणाली में प्रयुक्त कठिन और पारंपरिक उर्दू-फारसी शब्दों को हटाकर उनकी जगह पर सरल हिंदी शब्दों का उपयोग किया जाएगा। यह बदलाव उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री श्री विजय शर्मा के निर्देश पर किया जा रहा है।

 

गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि जब कोई आम नागरिक थाने जाकर एफआईआर दर्ज करवाता है या अन्य किसी प्रक्रिया में भाग लेता है, तो वह प्रायः पुलिस द्वारा प्रयुक्त जटिल शब्दों से भ्रमित हो जाता है। यह न केवल उसकी समझ को प्रभावित करता है बल्कि पुलिस और नागरिक के बीच संवाद की दीवार खड़ी करता है।

WhatsApp Group Join Now
Instagram Group Join Now

 

अब पुलिस संवाद में नहीं होंगे ये कठिन शब्द

गृह विभाग द्वारा तैयार 109 शब्दों की सूची में अब “अदम तामील” की जगह “सूचित न होना”, “रोजनामचा” की जगह “दैनिकी”, “शहादत” की जगह “साक्ष्य”, “कत्ल” की जगह “हत्या”, “वारदात” की जगह “घटना” जैसे सरल शब्दों का उपयोग होगा।

 

कुछ प्रमुख उदाहरण नीचे देखें:

 

पुराना शब्द अब होगा उपयोग

 

अदम तामील सूचित न होना

इंद्राज टंकन

माल मशरूका चोरी गई संपत्ति

शिनाख्त पहचान

जमानतदार प्रतिभूति दाता

जमानत प्रतिभूति

फौजदारी अदालत दांडिक न्यायालय

फरियादी शिकायतकर्ता

वारदात घटना

शहादत साक्ष्य

तफतीश विवेचना/जांच

गवाह साक्षी

सजा दंड

कैदखाना बंदीगृह

चश्मदीद प्रत्यक्षदर्शी

 

 

( पूरी 109 शब्दों की सूची रिपोर्ट के अंत में संलग्न है)

 

पुलिस संवाद होगा स्पष्ट और प्रभावी

 

गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा, “यदि पुलिस नागरिकों की मदद और सुरक्षा का माध्यम है, तो उसकी भाषा भी ऐसी होनी चाहिए जिसे नागरिक आसानी से समझ सकें।”

 

इस निर्देश को अमल में लाने के लिए पुलिस महानिदेशक (DGP) ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को आदेश जारी किया है। सभी अधीनस्थ अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि यह आदेश सिर्फ कागजों तक सीमित न रहे, बल्कि हर थाने, चौकी और पुलिस कार्यालय में लागू हो।

 

जनता की सुविधा होगी प्राथमिकता

 

भाषा के इस सरलीकरण से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आम नागरिक:

 

एफआईआर और पुलिस दस्तावेजों को आसानी से पढ़ और समझ सके।

 

पुलिस प्रक्रिया में भाग लेने में असहज महसूस न करे।

 

किसी अधिवक्ता की आवश्यकता के बिना भी अपनी शिकायत दर्ज कर सके।

 

यह पहल छत्तीसगढ़ पुलिस को कानून की रखवाली करने वाली संस्था से आगे बढ़ाकर जनता के साथ संवाद की संस्था में बदलने की दिशा में एक मजबूत कदम है।

नोट:

पूरी सूची में ऐसे 109 शब्द शामिल हैं, जिनका विकल्प सुझाया गया है।

यह बदलाव तुरंत प्रभाव से लागू किया जा

रहा है।

सभी थानों में इसे प्रदर्शित और लागू किया जाएगा।

 

 


Avatar

Phone: 919424248344 Email: contact.bhakarnews@gmail.com

Leave a Comment