एमसीबी:- हरचोका पर्यटन स्थल की खूबसूरत मवाई नदी पर अस्तित्व का संकट मंडरा रहा है। रेत माफियाओं द्वारा अवैध रेत खनन के चलते नदी की प्राकृतिक संरचना को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि लगातार अवैध रेत निकालने से नदी अब ‘मौत का कुआं’ बनती जा रही है।
ग्रामीणों के मुताबिक, रेत माफिया बेखौफ होकर दिन-रात रेत निकाल रहे हैं, जिससे नदी की गहराई असामान्य रूप से बढ़ गई है और दुर्घटनाओं का खतरा भी बना हुआ है। चिंता की बात यह है कि इस अवैध गतिविधि के बावजूद प्रशासन और पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए आशंका जताई है कि कहीं इस पूरे मामले में प्रशासन और रेत माफियाओं की मिलीभगत तो नहीं?
स्थानीय लोगों ने उठाई कार्रवाई की मांग
क्षेत्रवासियों ने शासन और प्रशासन से मांग की है कि मवाई नदी को बचाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं और अवैध रेत खनन में शामिल लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
पर्यटन स्थल पर पड़ सकता है नकारात्मक असर
हरचोका पर्यटन स्थल अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। लेकिन यदि रेत खनन इसी तरह जारी रहा, तो न केवल मवाई नदी का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा, बल्कि पर्यटन स्थल की लोकप्रियता भी प्रभावित होगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
अब देखना यह है कि प्रशासन और पुलिस अवैध रेत खनन के खिलाफ क्या कदम उठाते हैं या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह अनदेखी की भेंट चढ़ जाएगा।
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क्या मवाई नदी को बचाने के लिए कोई ठोस पहल होगी, या रेत माफिया इसी तरह प्रकृति का दोहन करते रहेंगे? यह सवाल अब हरचोका के लोगों के जहन में गूंज रहा है।