आरोपी – राजबहादुर सिंह छोटा पिता भैया लाल सिंह उम्र 34 वर्ष, सुखदेव सिंह उर्फ सरपंच सुभाउ सिंह उम्र 40 वर्ष निवासी ग्राम पंचायत बरहोरी के गर्दनचुआ के है।
एमसीबी जिला के थाना क्षेत्र जनकपुर का मामला जहां 10 मार्च की रात मंडप कार्यक्रम में शामिल होने गए अशोक चौधरी की अज्ञात लोगों ने कत्ल कर दिया था।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार 11 मार्च को सूचना मिली कि किसी व्यक्ति की लाश बरहोरी मैं अर्धनग्न अवस्था में पड़ी है। जहां मृत्यु के चाचा रामराज चौधरी ने रिपोर्ट दर्ज कराया की मेरा भतीजा अशोक चौधरी दिनांक 10 मार्च को केशव प्रसाद यादव उर्फ बबलू के यहां मड़वा लेकर गया था। जो मोटरसाइकिल से तीन आदमी के साथ निकाला था और सुबह 11 मार्च को सुबह 7:00 राज बहादुर सिंह ने रामराज चौधरी को बताया कि अशोक का शव अर्धनग्न अवस्था में सरइ के पेड़ के नीचे पड़ा है। जब रामराज चौधरी वहां जाकर देखा तो अशोक चौधरी का शव अर्धनग्न अवस्था में चोट खरोच के निशान लगा हुआ, खून निकलता हुआ और गले में बेल्ट कसा हुआ तथा मल द्वार में लकड़ी की टहनी डाले हुए हालात में सरइ के पेड़ के नीचे पड़ा है। किसी के द्वारा मारपीट कर हत्या करने से मौत हुआ है की सूचना पर बिना नंबरी मार्ग एवं बिना नंबरी अपराध की धारा 302 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच करवाई की गई।
सूचक गवाह वारिस के साथ घटनास्थल निरीक्षण, शव निरीक्षण पर अज्ञात आरोपी द्वारा कत्ल किया गया। अंधा कत्ल होने की वजह से गांव में ही कैंप लगाया गया और लगभग 45 लोगों से पूछताछ करने के बाद चश्मदीद गवाह सुरेश बैगा, बैसाखू कटकू और उमेश सिंह से पूछताछ कर संदेही राज बहादुर एवं सुखदेव सिंह का पता चला।
ध्यान रहे की राजबहादुर ही सूचक को सब से पहले अशोक चौधरी के 100 के बारे में बताया था तथा पंचनामा का गवाह भी बना था जिनको हिरासत में लेकर लगातार पूछताछ करने के बाद अंततः राजबहादुर सिंह टूट गया और अपना जुर्म कबूल करना स्वीकार किया।
घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल, मारपीट में इस्तेमाल किया गया बेट नुमा डंडा, मृतक के गले में बंधे बेल्ट और पत्थर को आरोपियों के द्वारा बारामती कराया गया।
घटना को अंजाम देने का कारण :-
ग्राम पंचायत बरहोरी के गर्दनचुआ में केशव यादव उर्फ बबलू के यहां 10 मार्च 2024 को मंडप का कार्यक्रम था। जिस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मृतक अशोक चौधरी गया हुआ था। रात करीब 10:30 डीजे की धुन में कई लोग डांस कर रहे थे वहीं एक बैगा महिला भी थी। जिस महिला के साथ राज बहादुर सिंह उर्फ छोटा छेड़खानी कर रहा था जिस चीज को अशोक चौधरी देख रहा था। और उसने राजबहादुर सिंह को ऐसा करने से मना किया वो नहीं माना तब अशोक चौधरी ने राज बहादुर सिंह को जाकर दो झापड़ मार दिया।
इसके बाद फिर राज बहादुर सिंह को लगा कि यह दो कौड़ी का आदमी मेरे को मार दिया। और बदला लेने के उद्देश्य से अपने बुआ का लड़का सुखदेव सिंह उर्फ सरपंच को भेज कर मृतक अशोक चौधरी को बुलवाया और दोनों ने साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया।