पीएम रिपोर्ट में बड़ा खुलासा: गुरुघासीदास नेशनल पार्क में बाघ को दिया गया था जहर


भखार न्यूज छ.ग.
गुरु घासीदास नेशनल पार्क और कोरिया वनमंडल की सीमा पर मृत मिले एक बाघ की मौत का कारण जहर दिए जाने का खुलासा हुआ है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, बाघ को ग्रामीणों द्वारा पालतू पशुओं को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से जहर दिया गया था। मुख्य वन संरक्षक प्रेम कुमार ने बताया कि इस घटना में ग्रामीणों की भूमिका सामने आई है, जिन्हें अपने पालतू पशुओं पर बाघ के हमले का डर था।
शनिवार को बाघ के शव का अंतिम संस्कार किया गया, और इस घटना को लेकर स्थानीय निवासियों के साथ चर्चा में यह जानकारी भी सामने आई कि बाघ पांच नवंबर से नदी के किनारे मृत पड़ा था। स्थानीय लोग इसे सोया हुआ समझ बैठे थे।
गौरतलब है कि गुरू घासीदास नेशनल पार्क के क्षेत्र को हाल ही में टाइगर रिजर्व का दर्जा मिला है। इससे पहले भी इस इलाके में बाघों की मौत की घटनाएं हो चुकी हैं। इस मामले के बाद से वन विभाग द्वारा इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया, परंतु बाघ की मौत के पीछे छिपी अन्य संभावनाओं की अभी जांच चल रही है।
इस तरह की घटनाओं से वन्यजीव संरक्षण और वन विभाग की जिम्मेदारियों को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इन घटनाओं पर सख्त कार्रवाई जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।





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