🔴 ब्रेकिंग न्यूज़:
अवैध खनन की खबर कवरेज करने के दौरान पत्रकार को जान से मारने की मिली धमकी एमसीबी में दो गुटों में मार पीट एक महिला की हालत नाज़ुक 30 जून से सरगुजा, बस्तर, बिलासपुर, रायपुर समेत कई जिलों में भारी बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी जारी। रायपुर के बूढ़ा तालाब में मिली नवजात की शव, पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कर रही है जांच।

शासन का नियम एक, जिलों में नियम अलग अलग।कौन कलेक्टर – ईमानदार कौन लापरवाह ? गुलाब कमरों का तीखा सवाल


एमसीबी।

छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा थी कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार और छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए राज्यभर में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को पारदर्शिता के साथ लागू किया जाए। लेकिन अब यही प्रक्रिया सवालों के घेरे में है।

पूर्व विधायक गुलाब कमरों ने आरोप लगाया है कि राज्य शासन के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद कोरबा और मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (एमसीबी) जिलों में अलग-अलग नियमों के तहत युक्तियुक्तकरण के आदेश जारी किए गए, जिससे शिक्षकों के साथ अन्याय हुआ और छात्रों के हितों को नुकसान पहुँचा।

कोरबा में नियमों का पालन

WhatsApp Group Join Now
Instagram Group Join Now

 

गुलाब कमरों ने उदाहरण देते हुए बताया कि कोरबा के माध्यमिक शाला अयोध्यापुरी में 6 शिक्षकों में 3 विज्ञान विषय के थे। नियम के अनुसार 2 विज्ञान शिक्षकों को अतिशेष घोषित किया गया और उचित आदेश जारी किया गया।

 

एमसीबी में नियमों की अनदेखी

 

वहीं दूसरी ओर, एमसीबी जिले के माध्यमिक शाला नई लेदरी में भी ऐसी ही स्थिति थी — 6 शिक्षक, 3 विज्ञान विषय के। लेकिन यहां मात्र 1 विज्ञान शिक्षक को ही अतिशेष किया गया, और हिंदी विषय की एकमात्र शिक्षिका को हटाया गया।

यह न केवल शिक्षा नियमों का उल्लंघन है, बल्कि हिंदी पढ़ने वाले छात्रों के हितों पर भी कुठाराघात है।

 

एक नियम, दो फैसले क्यों?

 

 

गुलाब कमरों का सवाल है कि –

 

> “जब शासन द्वारा स्पष्ट नियमावली दी गई है और कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है, तो फिर जिलों में नियमों की अलग-अलग व्याख्या क्यों की जा रही है?”

 

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि –

 

> “क्या एमसीबी के कलेक्टर डी. राहुल वेंकट ने बिना दस्तावेज पढ़े हस्ताक्षर कर दिए? या फिर जानबूझकर शिक्षा विभाग को खुली छूट दे दी गई?”

जनता भी पूछ रही सवाल

अब आम लोगों के बीच चर्चा है

कोरबा कलेक्टर ने नियम का पालन किया या एमसीबी कलेक्टर ने नियमों की अनदेखी की?

शासन के आदेश के बाद भी इस तरह की गड़बड़ियाँ क्यों हो रही हैं?

 

जांच और कार्रवाई की मांग

 

पूर्व विधायक गुलाब कमरों ने राज्य सरकार से उच्चस्तरीय जांच की मांग की है और कहा कि –

 

> “यदि दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो भविष्य में ऐसी मनमानी बार-बार होगी और शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाएगी।”

 

निष्कर्ष:

एक समान शासनादेश पर अलग-अलग जिलों में अलग फैसले — ये मामला अब सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक चिंता का विषय बन गया है। क्या सरकार इस मुद्दे पर गंभीर कार्रवाई करेगी या फिर यह भी एक फाइलों में दफन हो जाएगा?

 

रिपोर्ट: भखार न्यूज CG टीम


Avatar

Phone: 919424248344 Email: contact.bhakarnews@gmail.com

Leave a Comment