मनेंद्रगढ़ (MCB) :- नत्थू पयासी
MCB जिले में शिक्षा विभाग द्वारा जारी युक्तियुक्तकरण काउंसलिंग सूची को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। पूर्व विधायक गुलाब कमरों ने सूची को पूरी तरह नियम विरुद्ध और त्रुटिपूर्ण बताया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ खास शिक्षकों को बचाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी और विकासखंड शिक्षा अधिकारी नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।
गुलाब कमरों ने कहा कि जिले की कई शालाओं में युक्तियुक्तकरण के नियमों को अलग-अलग तरीके से लागू किया गया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पूर्व माध्यमिक शाला नागपुर और भौता में अतिशेष शिक्षकों को यथावत रखा गया है, जबकि अन्य शालाओं में उन्हें हटाया गया। यह दोहरे मापदंड को दर्शाता है।
“आखिर क्यों मेहरबान हैं जिला शिक्षा अधिकारी और विकासखंड शिक्षा अधिकारी?
कमरों द्वारा उठाए गए प्रमुख बिंदु:
1. जहां छात्र संख्या 105 से कम है और चार शिक्षक कार्यरत हैं (भले ही एक ही विषय के हों), वहां अतिशेष नहीं दिखाया गया।
2. परिवीक्षा अवधि में नियुक्त शिक्षकों की विषय गणना कर दी गई, जो नियमों के खिलाफ है।
3. काउंसलिंग में विषयवार पदस्थापना की बात कही गई है, लेकिन विद्यालयों में विषय के अनुसार रिक्त पद दर्शाए ही नहीं गए।
4. सूची में स्पष्ट नहीं किया गया कि शिक्षक किस विषय के आधार पर अतिशेष हुए हैं।
कमरों ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता से कोसों दूर है और इसमें जानबूझकर कुछ शिक्षकों को संरक्षण देने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने मांग की कि:
युक्तियुक्तकरण 2008 के सेटअप के अनुसार किया जाए।
नियमों के तहत नई और पारदर्शी सूची बनाई जाए।
काउंसलिंग की तिथि बढ़ाई जाए, ताकि शिक्षक उचित तैयारी कर सकें।
“शिक्षकों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं” – गुलाब कमरों
उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि इस तरह की अनियमित और पक्षपातपूर्ण प्रक्रिया जारी रही, तो शिक्षक समुदाय के हितों को गंभीर नुकसान पहुंचेगा। शिक्षकों को न्याय दिलाने के लिए वे हर मंच पर आवाज उठाते रहेंगे।